मेरे दिल का तेरे दिल में
समा जाना मुहब्बत है,
जहाँ जाये तेरे पीछे मेरा
आना मुहब्बत है..
मै आधी मूँद कर पलकें
तेरे चेहरे को जब देखूं,
वो मुस्का कर नजाकत से
यूँ शरमाना मुहब्बत है..
छिपाकर रोज रखता हूँ तेरी
तस्वीर सीने में,
समाकर दिल में तेरा यूँ
धड़क जाना मुहब्बत है..
मै पागल हूँ तुम्हारी
आशिकी में मानता हूँ पर,
हर इक आहाट पे तुम हो ये
समझ जाना मुहब्बत है..
तेरे हर बोल कानों में
शहद सा घोलते है पर,
बिना अल्फाज़ दिल की बात
कह जाना मुहब्बत है...
जहा जाये तेरे पीछे मेरा
आना मुहब्बत है.........
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