आज मुस्कान देकर रो गया
कोई,
इश्क देकर दर्द-सरा हो गया
कोई......
उसे ख्वाब बनाकर उम्र भर
जीना चाहता था,
तकदीर बनकर ख़ाक में खो गया
कोई......
पाने की ख्वाहिस थी पर
बिखर जाने का डर था,
बिखरे मोती ज़िन्दगी में
पिरो गया कोई.......
हर एक सांस हर धड़कन थम सी
गई थी,
ज़िन्दगी से खफा होकर जो
गया कोई.......
मुहब्बत के फ़साने मैंने
कहे वो चुप रही,
दिल की दिल में रख कर चला
गया कोई.......
चाहता तो था की सांसे
बनाकर बसा लूँ खुद में,
पर न मिला अब की जो गया तो
गया कोई.......
ज़िन्दगी की भीड़ में वो साथ
है मै सोचता था,
छुड़ाकर हाथ मुझसे ही जमाने
में खो गया कोई.......
इश्क उससे है और ता-उम्र
रहेगा,
बस भुलाकर मुझको ही गैर का
हो गया कोई......
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