गुरुवार, 25 मई 2017

हम क्या क्या चुराएँ हैं...


किसी का दिल चुराएं हैं,
किसी की जान चुराएँ हैं,
भला कैसे कहें तुझसे,
की हम क्या क्या चुराएँ हैं...

जो खुद ही झाँक कर के तुम,
मेरे दिल में अगर देखो,
तो इस नन्हे से दिल से हम
तेरी दुनियां चुराएँ है...

पलटकर जो नज़र भरकर,
हमे देखो तो समझोगे,
जो नफरत को अपरे करकर,
हमे देखो तो समझोगे;

जहां कल तक रहा करती थी,
बस तन्हाइयां अपनी,
वहाँ तेरी हर एक मुस्कान को,
अब हम चुराएँ हैं...

मुहब्बत से तुझे अपना,
ज़िगर देकर चले थे हम,
बदले में तेरी सारी,
फिकर लेकर चले थे हम,

की जिनको सोच करके,
रोज आंसू तु बहाती थी,
तु हसले खोलकरके दिल,
तेरे आंसू चुराएँ है...

तु है मेरी यही सोचा था,
जब कब सांस आई थी,
ये धड़कन थम गई मेरी,
की जब तु पास आई थी;

नज़र भर देख लूँ तुझको,
मगर के दिल ये डरता है,
नज़र लग जाये ना तुझको,
नज़र को हम चुराए हैं...

मंगलवार, 16 मई 2017

गया कोई


आज मुस्कान देकर रो गया कोई,

इश्क देकर दर्द-सरा हो गया कोई......

उसे ख्वाब बनाकर उम्र भर जीना चाहता था,

तकदीर बनकर ख़ाक में खो गया कोई......

पाने की ख्वाहिस थी पर बिखर जाने का डर था,

बिखरे मोती ज़िन्दगी में पिरो गया कोई.......

हर एक सांस हर धड़कन थम सी गई थी,

ज़िन्दगी से खफा होकर जो गया कोई.......

मुहब्बत के फ़साने मैंने कहे वो चुप रही,

दिल की दिल में रख कर चला गया कोई.......

चाहता तो था की सांसे बनाकर बसा लूँ खुद में,

पर न मिला अब की जो गया तो गया कोई.......

ज़िन्दगी की भीड़ में वो साथ है मै सोचता था,

छुड़ाकर हाथ मुझसे ही जमाने में खो गया कोई.......

इश्क उससे है और ता-उम्र रहेगा,

बस भुलाकर मुझको ही गैर का हो गया कोई......

शुक्रवार, 5 मई 2017

मै तुझको देखता हूँ


की दिन हो या हो कोई रात तुझको देखता हूँ,
कसम से उस खुदा के बाद तुझको देखता हूँ ..

की जब से रूठकर के तुम कहीं पर खो गए हो,
की मुझको भूल करके बेवफा तुम हो गए हो,
मै तब से सोचकर हालत तुझको देखता हूँ ..
कसम से...................

मै जब भी सोचता हु इश्क के गुज़रे फ़साने,
मुझे तब याद आते हैं तुम्हारे सब बहाने,
मै तब भी भूलकर हर बात तुझको देखता हूँ ..

कसम से...................

कभी तो याद आते हैं वो पलछिन साथ थे जब,
हया को भूलकर हाथों में अपने हाथ थे जब,
बसर तक करके वो पल याद तुझको देखता हूँ..

कसम से...................
तुझे होगा पता जब चाँद को मै देखता था,
तेरी तस्वीर हर आहद में मै देखता था,
जगागर फिर वही ज़ज्बात तुझको देखता हूँ ..

कसम से...................