गुरुवार, 6 अप्रैल 2017

क्यूँ ख्वाब अधूरे रहते हैं


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हम अक्सर सबसे कहते हैं,

क्यूँ ख्वाब अधूरे रहते हैं...



क्यूँ तब अधियारा होता है,

जब दीप जलाये जाते हैं;

क्यूँ तब तन्हाई होती है,

जब यार मिलाये जाते हैं..



हम अक्सर सबसे कहते हैं,



क्यूँ होली बेरंग रही,

क्यू शांत रही दीवाली;

क्यूँ जब जब भी मै रोया,

तब तब बजती थी ताली...



हम अक्सर सबसे कहते हैं,




क्यों सावन रुखा रुखा सा,

क्यों भादो सूखा सूखा सा,

क्यों अमवारी के बीच खड़ा,

मै फिर भी भूखा भूखा सा;



हम अक्सर सबसे कहते हैं,



क्यूँ ठहरी हुई बयार मिली,

क्यूँ उजड़ी हुई बहार मिली,

क्यूँ सालों के कर्कश जीवन में,

खुशियाँ कभी कभार मिली;



हम अक्सर सबसे कहते हैं,

क्यों ख्वाब अधूरे राहते हैं.....